ध्यान कैसे करें।।how to meditate?

 

ध्यान कैसे करें?।।how to meditate?

ध्यान करना एक मानसिक अभ्यास है जिससे आप अपने मन को शांत, स्थिर और एकाग्रता में ला सकते हैं। यह आपको अपने चिंताओं से दूर ले जाकर आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। यहाँ ध्यान करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं:

1. स्थिर स्थान:- ध्यान के लिए एक शांत और स्थिर स्थान का चयन करें, जिससे आपको अध्यात्मिक अनुभव में सहायक हो।

2. आसन:- एक सुखासन या योगासन का चयन करें जो आपको सुखद और स्थिर रहने में मदद करे।

3. ध्यान का समय:- ध्यान का समय निर्धारित करें और उस समय को नियमित बनाए रखें, ताकि यह एक अभ्यास बन सके।

4. विचारों को साकार न करें:- जब आप ध्यान कर रहे हैं, तो आने वाले विचारों को निष्कर्ष मन में आने दें और उन्हें बिना आसक्ति के चला जाने दें।

5. श्वास का ध्यान:- अपने श्वास का ध्यान करने से आप अपने मन को शांत कर सकते हैं और ध्यान में आसानी से रह सकते हैं।

6. मंत्र ध्यान:- किसी मंत्र का उच्चारण करने से आप अपने मन को एकाग्रता में रख सकते हैं और मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं।

7. नियमितता:- ध्यान को नियमित रूप से करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आपका मन धीरे-धीरे इस प्रक्रिया को स्वीकार करता है और आप अधिक प्रैक्टिस कर सकते हैं।

8. ध्यान की प्राक्रिया:- ध्यान की प्राक्रिया में शुरूवात करने के लिए अपने आत्मा के साथ संवाद में रहने का प्रयास करें और ध्यान का अनुभव करें।

9. आत्म-समर्पण:- ध्यान का मूल उद्देश्य आत्मा के साथ एकाग्रता में रहकर सत्य को जानना और स्वीकार करना है।

10. ध्यान का लाभ:- नियमित ध्यान से मानसिक तनाव कम होता है, ध्यान बढ़ावा देता है, और आपको जीवन में सामंजस्य और संतुलन प्रदान करता है।

ध्यान करते वक्त हमारा मन विचलित क्यों होता है।:-

ध्यान का साधना करते समय, हमारे मन की अस्थिरता के पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं। पहला कारण है आत्मसमर्पण में कमी, जिससे हम अपने विचारों में खोए रहते हैं और वास्तविकता से दूर हो जाते हैं। यह आत्मसमर्पण की अभावशीलता में मन को विचलित कर सकता है जिससे ध्यान का साकारात्मक अनुभव होना मुश्किल होता है।

दूसरा कारण है वातावरण में अधिक उत्साह या चिंता, जिससे मन चञ्चल होता है और ध्यान का धारण करना कठिन होता है। यह वातावरण की अस्थिरता मन को अधिक सक्रिय बना सकती है, जिससे ध्यान का स्थिति में रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

तीसरा कारण है अनियमित प्राणायाम तकनीकों का अनुसरण न करना, जिससे श्वास नियंत्रण में कमी हो सकती है और मन अशांति महसूस कर सकता है। यदि हम सही श्वास संयम नहीं रखते हैं, तो ध्यान में एकाग्रता प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। ध्यान में स्थिरता और एकाग्रता को सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त तकनीकों का llनियमित अभ्यास करना आवश्यक है ताकि मन को साकारात्मक अनुभव की दिशा में प्रवृत्त किया जा सके।



Blogger:-(Fitness Gyaan with Armaan Sheikh.)



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